ह़ज़रत बर्राअ बिन आ़ज़िब रद़ियल्लाहु अ़न्हु कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने हमें सात चीज़ों के करने का हुक्म दिया और साथ चीज़ों से मना किया: बीमार की खैरियत लेने, जनाजे़ में शरीक होने, छींक का जवाब देने, दावत करने वाले की दावत कुबूल करने, सलाम को खूब फैलाने, मज़लूम की मदद करने और क़सम पूरी करने का हमें हुक्म दिया। और सोने की अंगूठी पहनने, चांदी के बर्तन में (खाने) पीने, उर्गवानी (लाल) गद्दों (या क़ालीनों) के इस्तेमाल करने से (जबकि वे रेशम के हों), मिस्र के इलाके क़स के बने हुए कपड़ों से (जो रेशम के होते थे), किसी भी प्रकार के रेशम, इस्तबरक़ (रेशम के मोटे कपड़े) से और दीवाज (रेशम के बारीक कपड़े) के पहनने से मना किया।"